"देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान": अवतरणों में अंतर
Rohitrrrrr (वार्ता | योगदान) |
विकिकड़ियाँ जोड़ी/हटाई गयीं |
||
(17 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 40 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|colspan="2" style="font-weight: bold; text-align: center;"|देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान |
|colspan="2" style="font-weight: bold; text-align: center;"|देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान |
||
|- |
|- |
||
|colspan="2" style="text-align:center;"|[[ |
| colspan="2" style="text-align:center;" |[[File:DIT University Administrative Block.jpg|250x250px]] |
||
|- style="vertical-align:top;" |
|- style="vertical-align:top;" |
||
|style="font-weight:bold"|स्थापना |
|style="font-weight:bold"|स्थापना |
||
|[[२८ अक्टूबर]], [[१९९८]] |
|[[२८ अक्तूबर|२८ अक्टूबर]], [[१९९८]] |
||
|- style="vertical-align:top;" |
|- style="vertical-align:top;" |
||
|style="font-weight:bold"|निदेशक |
|style="font-weight:bold"|निदेशक |
||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
|- style="vertical-align:top;" |
|- style="vertical-align:top;" |
||
|style="font-weight:bold"|स्थिति |
|style="font-weight:bold"|स्थिति |
||
| {{flagicon|IND}}[[देहरादून]], [[ |
| {{flagicon|IND}}[[देहरादून]], [[उत्तराखण्ड]], [[भारत]] |
||
|- style="vertical-align:top;" |
|- style="vertical-align:top;" |
||
|style="font-weight:bold"|संबंद्धता |
|style="font-weight:bold"|संबंद्धता |
||
| |
|उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय<ref>२००९ तक उत्तर प्रदेश प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय मान्यता प्राप्त, अब पूर्णतः उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्धता</ref> |
||
|- style="vertical-align:top;" |
|- style="vertical-align:top;" |
||
|style="font-weight:bold"|विद्यार्थी |
|style="font-weight:bold"|विद्यार्थी |
||
पंक्ति 33: | पंक्ति 33: | ||
|- style="vertical-align:top;" |
|- style="vertical-align:top;" |
||
|style="font-weight:bold"|मुखपृष्ठ |
|style="font-weight:bold"|मुखपृष्ठ |
||
|[http://www.dit.edu.in/Default.aspx आधिकारिक संजालपृष्ठ] |
|[https://web.archive.org/web/20090608151928/http://www.dit.edu.in/Default.aspx आधिकारिक संजालपृष्ठ] |
||
|} |
|} |
||
'''देहरादून प्रोद्योगिकी संस्थान''', [[ |
'''देहरादून प्रोद्योगिकी संस्थान''', [[उत्तराखण्ड]] की राजधानी [[देहरादून]] में [[मसूरी]] जाने वाली सड़क पर स्थित एक प्रौद्योगिकी संस्थान है। यह देहरादून का एक प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थान है। देहरादून नगर से इसकी दूरी १० किमी है और मसूरी से २० किमी। ये दून घाटी की मनोहर पर्वतश्रृंखला से घिरा हुआ है। यहाँ तक पहुँचने के लिए पक्की सड़क है और निजी या सार्वजानिक वाहन द्वारा यहाँ सरलता से पहुंचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन यहाँ से लगभग १२ किमी या ३० मिनट की दूरी पर स्थित है। राष्ट्रीय राजधानी [[दिल्ली]] से देहरादून की दूरी लगभग २५० किमी है और दोनों नगर सड़क और रेल मार्ग से जुड़े हुए हैं जिससे यहाँ पहुंचना सरल है। |
||
संस्थान की स्थापना २८ |
संस्थान की स्थापना [[२८ अक्तूबर|२८ अक्टूबर]], [[१९९८]] में की गयी थी। आज यहाँ २,३००+ छात्र-छात्राएं विभिन्न पाठ्यक्रमो में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ये यूनिसन ग्रुप की सबसे बड़ी परियोजना थी। ग्रुप की अन्य परियोजनायें हैं आई एम एस, देहरादून; आई एम एस नौएडा; डी ई टी-वास्तुशिल्प संकाय, डी ई टी-फार्मेसी संकाय, यूनिसन विधि विद्यालय और यूनिसन विश्वविद्यालय। इन सबके अतिरिक्त अन्य भी बहुत से संस्थान यूनिसन ग्रुप द्वारा विचाराधीन या निर्माणाधीन है। |
||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | संस्थान परिसर में मुख्य शैक्षणिक भवन के अतिरिक्त, एक सहायक शैक्षणिक भवन, २ छात्रावास, ३ छात्रवास, आई एम एस भवन |
||
⚫ | |||
⚫ | संस्थान परिसर में मुख्य शैक्षणिक भवन के अतिरिक्त, एक सहायक शैक्षणिक भवन, २ छात्रावास, ३ छात्रवास, आई एम एस भवन और फार्मेसी और वास्तुशिल्प विज्ञान विज्ञान भवन है। पूरा परिसर १८-२५ एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका निरंतर विस्तार हो रहा है। संस्थान परिसर में ही छात्र-छात्राओं के लिए पूर्ण-विकसित आवास की व्यवस्था है। छात्रों के आवास की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यहाँ ८०० छात्रों और ३०० छात्राओं के ठहरने की व्यवस्था है जबकि एक और छात्रावास निर्माणाधीन है। |
||
छात्रवास के २ खंडों में प्रत्येक कमरा अलग है, जबकि २००४-०५ सत्र से आरम्भ हुए तीसरे छात्रवास में आधुनिक शैली के कमरों का निर्माण किया गया है जिसमे प्रत्येक कमरे में २ छात्रों के रहने की व्यस्था है। उसी सत्र में आरम्भ हुए छात्रावास में भी ऐसी ही व्यस्था है। |
छात्रवास के २ खंडों में प्रत्येक कमरा अलग है, जबकि २००४-०५ सत्र से आरम्भ हुए तीसरे छात्रवास में आधुनिक शैली के कमरों का निर्माण किया गया है जिसमे प्रत्येक कमरे में २ छात्रों के रहने की व्यस्था है। उसी सत्र में आरम्भ हुए छात्रावास में भी ऐसी ही व्यस्था है। |
||
==संबद्धता/मान्यता== |
== संबद्धता/मान्यता == |
||
संस्थान '''उत्तर प्रदेश प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय''' द्वारा मान्यता प्राप्त |
संस्थान '''उत्तर प्रदेश प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय''' द्वारा मान्यता प्राप्त था, लेकिन डी आई टी, सन् २००० में नवगठित राज्य उत्तराखण्ड के अधिकार क्षेत्र में है और उत्तराखण्ड के सभी प्रौद्योगिकी संस्थानों का वर्ष २००६ में नवगठित, '''उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय''' से संबद्धीकरण होना आवश्यक है, इसलिए वर्ष २००९ में संस्थान का उत्तर प्रदेश प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त अंतिम जत्था (बैच) पास हुआ और फिर देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान पूर्णतया उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त संस्थान बन गया।<ref>{{Cite web |url=http://www.uktech.in/collegelist.aspx |title=उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्धीकृत संस्थान |access-date=11 अगस्त 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20100611211932/http://www.uktech.in/collegelist.aspx |archive-date=11 जून 2010 |url-status=dead }}</ref> यद्यपि संस्थान को स्वसंबद्धीकृत (डीम्ड) संस्थान बनानें की भी योजना है, जिसके लिए यूनिसन ग्रुप द्वारा और भी पाठ्यक्रम आरम्भ किए जा रहे हैं। |
||
==पाठ्यक्रम== |
== पाठ्यक्रम == |
||
डी आई टी में निम्नलिखित पाठ्यक्रम इस प्रकार हैं:- |
डी आई टी में निम्नलिखित पाठ्यक्रम इस प्रकार हैं:- |
||
=== बी टेक === |
=== बी टेक === |
||
#अप्लाइड इलेक्ट्रोनिक्स और इन्सट्रूमेंटेशन (प्रयोगिक इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरणीकरण) |
# अप्लाइड इलेक्ट्रोनिक्स और इन्सट्रूमेंटेशन (प्रयोगिक इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरणीकरण) |
||
#इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी ([[सूचना प्रौद्योगिकी]]) |
# इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी ([[सूचना प्रौद्योगिकी]]) |
||
#इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (वैद्युत अभियांत्रिकी) |
# इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (वैद्युत अभियांत्रिकी) |
||
#इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनीकेशंस (इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार) |
# इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनीकेशंस इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार अभियांत्रिकी) |
||
#इंडसट्रिअल प्रोडक्शंस (औद्योगिक उत्पादन अभियांत्रिकी) |
# इंडसट्रिअल प्रोडक्शंस (औद्योगिक उत्पादन अभियांत्रिकी) |
||
#कंप्यूटर साइंस (संगणक विज्ञान) |
# कंप्यूटर साइंस (संगणक विज्ञान) |
||
#मकेनीकल इंजीनियरिंग (यांत्रिक अभियांत्रिकी) |
# मकेनीकल इंजीनियरिंग (यांत्रिक अभियांत्रिकी) |
||
=== एम टेक === |
=== एम टेक === |
||
*डिजीटल कम्युनिकेशन |
* डिजीटल कम्युनिकेशन |
||
*कंप्यूटर साइंस |
* कंप्यूटर साइंस |
||
*थर्मल अभियांत्रिकी |
* थर्मल अभियांत्रिकी |
||
===एम बी ए=== |
=== एम बी ए === |
||
=== एम सी ए === |
=== एम सी ए === |
||
देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान वास्तुकला में स्नातक स्तर प्रदान करता है। यह वास्तुकला में देश के सबसे प्रसिद्ध संस्थानों में से एक है,वास्तुकला के क्षेत्र में प्रभावी रूप से योगदान देने हेतु तथा युवा पेशेवरों को गुणवत्ता की शिक्षा और कौशल प्रदान करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ वास्तुकला के संकाय में इसे २००५ में स्थापित किया गया था। वास्तुकला के संकाय विधिवत वास्तुकला परिषद द्वारा पारित है। |
|||
=== अर्कीटेक्चर (वास्तुशिल्प विज्ञान)=== |
|||
वास्तुकला के संकाय टीम वर्क और सहयोग को बढ़ावा देने तथा शैक्षिक कार्यक्रमों को उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। तथा कॉर्पोरेट जगत के साथ हमारी अद्वितीय साझेदारी रखता है। |
|||
वास्तुकला एक कैरियर के रूप में!!!' |
|||
⚫ | |||
'''वास्तुकला में स्नातक काम कर सकते हैं''' |
|||
⚫ | |||
⚫ | पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्थान का एक महत्वपूर्ण अंग होता है और ये वहां पढने वाले विद्यार्थी के सम्पूर्ण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर डी आई टी प्रबंधन द्वारा आधुनिक सुविधाओं से युक्त केंद्रीय पुस्तकालय का निर्माण करवाया गया जहाँ पर पाठ्यक्रम की पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य बहुत सी पुस्तकें उपलब्ध हैं, जैसे समाचार पत्र, देश-विदेश में होने वाली शोधो पर छापी पत्रिकाएँ, संस्थान के भूतपूर्व विद्यार्थियों द्वारा किये गए प्रोजेक्ट, उच्च शिक्षा की तयारी के लिए पुस्तकें और बहुत सी धार्मिक पुस्तकें |
||
वास्तु इंजीनियर |
|||
वास्तु इतिहासकार / पत्रकार |
|||
कला निर्देशक |
|||
बिल्डिंग कांट्रेक्टर |
|||
बिल्डिंग इंस्पेक्टर |
|||
बिल्डिंग शोधक |
|||
इंटीरियर डिजाइनर |
|||
लैंडस्केप आर्किटेक्ट। |
|||
सेट डिजाइनर |
|||
तकनीकी इलस्ट्रेटर के |
|||
'''कार्यक्रम''':-बैचलर ऑफ आर्किटैक्चर (बी-आर्क) |
|||
'''पात्रता''':-उम्मीदवार को गणित एक अनिवार्य विषय के रूप में होना तथा दसवीं और बारहवीं कक्षा में न्यूनतम कुल 60% अंक होना चाहिए (औसत स्कोर 200 में से 80 या उससे अधिक होना चाहिए) |
|||
वास्तुकला में नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट (NATA) के बिना कोई छात्र वास्तुकला में स्नातक होने के बाद भी वास्तुकला की परिषद द्वारा एक वास्तुकार के रूप में पंजीकृत नहीं माना जाएगा। |
|||
[[https://web.archive.org/web/20150109123325/http://www.nata.in/2014/]] |
|||
'''अवधि''':-5 वर्ष |
|||
'''सीट''':- ८० कुल |
|||
'''सीट डिस्ट्रबिशन''' :-उत्तराखंड के निवासियों के लिए ४० % अखिल भारतीय उम्मीदवारों के लिए ५०% एवं नआरआई / उद्योग प्रायोजित के लिए १०% |
|||
'''आरक्षण''':- ४० % सीटें उत्तराखंड सरकार द्वारा निर्धारित मान्य उत्तराखंड अधिवास प्रमाण पत्र के साथ उत्तराखंड उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। |
|||
'''बैचलर ऑफ आर्किटैक्चर (बी-आर्क)''' |
|||
देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान वास्तुकला में स्नातक स्तर प्रदान करता है। यह वास्तुकला में देश के सबसे प्रसिद्ध संस्थानों में से एक है,वास्तुकला के क्षेत्र में प्रभावी रूप से योगदान देने हेतु तथा युवा पेशेवरों को गुणवत्ता की शिक्षा और कौशल प्रदान करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ वास्तुकला के संकाय में इसे २००५ में स्थापित किया गया था। वास्तुकला के संकाय विधिवत वास्तुकला परिषद द्वारा पारित है। वास्तुकला के संकाय टीम वर्क और सहयोग को बढ़ावा देने तथा शैक्षिक कार्यक्रमों को उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। तथा कॉर्पोरेट जगत के साथ हमारी अद्वितीय साझेदारी रखता है। |
|||
'''वास्तुकला एक कैरियर के रूप में!!!'''' |
|||
वास्तुकला में स्नातक काम कर सकते हैं |
|||
वास्तु इंजीनियर वास्तु इतिहासकार / पत्रकार कला निर्देशक बिल्डिंग कांट्रेक्टर बिल्डिंग इंस्पेक्टर बिल्डिंग शोधक इंटीरियर डिजाइनर लैंडस्केप आर्किटेक्ट। सेट डिजाइनर तकनीकी इलस्ट्रेटर के |
|||
'''कार्यक्रम''':-बैचलर ऑफ आर्किटैक्चर (बी-आर्क) |
|||
'''पात्रता''':-उम्मीदवार को गणित एक अनिवार्य विषय के रूप में होना तथा दसवीं और बारहवीं कक्षा में न्यूनतम कुल 60% अंक होना चाहिए (औसत स्कोर 200 में से 80 या उससे अधिक होना चाहिए) |
|||
वास्तुकला में नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट (NATA) के बिना कोई छात्र वास्तुकला में स्नातक होने के बाद भी वास्तुकला की परिषद द्वारा एक वास्तुकार के रूप में पंजीकृत नहीं माना जाएगा। |
|||
[[1]] |
|||
'''अवधि''':-5 वर्ष सीट:- ८० कुल |
|||
'''सीट डिस्ट्रबिशन''' :-उत्तराखंड के निवासियों के लिए ४० % अखिल भारतीय उम्मीदवारों के लिए ५०% एवं नआरआई / उद्योग प्रायोजित के लिए १०% |
|||
'''आरक्षण''':- ४० % सीटें उत्तराखंड सरकार द्वारा निर्धारित मान्य उत्तराखंड अधिवास प्रमाण पत्र के साथ उत्तराखंड उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। |
|||
==============================================================================================================================[संपादित करें] |
|||
किसी भी शैक्षणिक संस्थान में संकाय की श्रेष्ठता सबसे जरूरी है। वास्तुकल प्रौद्योगिकी विभाग में, हम हमारे साथ दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों से आते हैं, जो देश में सबसे प्रतिभाशाली और समर्पित सोच के छात्रों के लिए हम सबसे अच्छा अकादमिक अध्ध्य्यन प्रस्तुत कर रहे हैं, लेकिन नैतिक और नैतिक मूल्यों का उच्च स्तर ही हमारा ध्येय है। यह हमारे संकाय के छात्रों के लिए के लिए सही रोल मॉडल की भूमिका में हमें सक्षम बनाता है। |
|||
'''विभाग के संकाय''' |
|||
प्रो नेहरू लाल एआर। रमेश नागवडीवेलु (सहायक। प्रो) एआर। जितेंद्र कुमार सरोही (सहायक। प्रो) एआर। संदीप सक्सेना (सहायक। प्रो) एआर। वर्तिका सक्सेना (सहायक। प्रो) एआर। कपिल कुमार (सहायक। प्रो) एआर। अनवर कमाल श्री .अखिलेश कुमार (सहायक। प्रो) सुश्री . रश्मिका सिंह (सहायक। प्रो) एआर। ऋषि राज गुप्त (सहायक। प्रो) श्री अनय आनंद (सहायक। प्रो) श्री पंकज (सहायक। प्रो) सुश्री.वर्तिका राणा श्रीमती ममता बरमोला सुश्री धृति ढौंडियाल |
|||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्थान का एक महत्वपूर्ण अंग होता है और ये वहां पढने वाले विद्यार्थी के सम्पूर्ण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर डी आई टी प्रबंधन द्वारा आधुनिक सुविधाओं से युक्त केंद्रीय पुस्तकालय का निर्माण करवाया गया जहाँ पर पाठ्यक्रम की पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य बहुत सी पुस्तकें उपलब्ध हैं, जैसे समाचार पत्र, देश-विदेश में होने वाली शोधो पर छापी पत्रिकाएँ, संस्थान के भूतपूर्व विद्यार्थियों द्वारा किये गए प्रोजेक्ट, उच्च शिक्षा की तयारी के लिए पुस्तकें और बहुत सी धार्मिक पुस्तकें इत्यादि। इन सबके अतिरिक्त इलेक्ट्रानिक्स माध्यम की पुस्तकें भी सीडी, फ्लौपी, ऑडियो कैसेट द्वारा उपलब्ध हैं। |
||
; केंद्रीय पुस्तकालय की विशेताएँ: |
; केंद्रीय पुस्तकालय की विशेताएँ: |
||
*केंद्रीय पुस्तकालय में लगभग ३०,००० पुस्तकें हैं। |
* केंद्रीय पुस्तकालय में लगभग ३०,००० पुस्तकें हैं। |
||
*इस समय पुस्तकलय में लगभग १९ समाचार पत्रिकाएँ और ५८ शोध पत्रिकाएँ उपलब्ध हैं। |
* इस समय पुस्तकलय में लगभग १९ समाचार पत्रिकाएँ और ५८ शोध पत्रिकाएँ उपलब्ध हैं। |
||
*इस समय विभिन्न पुस्तकों की लगभग २५० फ्लौपियाँ और विभिन्न पुस्तकों, सॉफ़्टवेयरों, पत्रिकाओं |
* इस समय विभिन्न पुस्तकों की लगभग २५० फ्लौपियाँ और विभिन्न पुस्तकों, सॉफ़्टवेयरों, पत्रिकाओं और अन्य पाठन सामग्री की ३,५०० सीडीयां उपलब्ध हैं। |
||
*पुस्तकालय का |
* पुस्तकालय का संचालन अर्ध स्वचालित ईआरपी (ERP) सॉफ्टवेर के द्वारा किया जाता है। |
||
*३०,००० पुस्तकें ओपेक (OPEC) खोज सुविधा द्वारा प्राप्त की जा सकती हैं। |
* ३०,००० पुस्तकें ओपेक (OPEC) खोज सुविधा द्वारा प्राप्त की जा सकती हैं। |
||
*अन्क्दर्शी पुस्तकालय परिकर में २७० से अधिक सर्वर आधारित प्रज्ञता सामग्री उपलब्ध है, जिसे अन्क्दर्शी पुस्तकालय द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। |
* अन्क्दर्शी पुस्तकालय परिकर में २७० से अधिक सर्वर आधारित प्रज्ञता सामग्री उपलब्ध है, जिसे अन्क्दर्शी पुस्तकालय द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। |
||
*नाममात्र के शुल्क पर बुक बैंक की सुविधा विद्यार्थियों को दी जाती है। |
* नाममात्र के शुल्क पर बुक बैंक की सुविधा विद्यार्थियों को दी जाती है। |
||
*टी ई क्यु आई पी (TEQIP) योजना के अंतर्गत आरक्षित विद्यार्थियों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध है। |
* टी ई क्यु आई पी (TEQIP) योजना के अंतर्गत आरक्षित विद्यार्थियों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध है। |
||
*प्रतिलिपि की सुविधा भी विद्यार्थियों और अन्य सदस्यों को पुस्तकालय में दी जाती है। |
* प्रतिलिपि की सुविधा भी विद्यार्थियों और अन्य सदस्यों को पुस्तकालय में दी जाती है। |
||
==मनोविनोद और मनोरंजन== |
== मनोविनोद और मनोरंजन == |
||
समय समय पर संस्थान में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमे भाग लेने के लिए अन्य संस्थानों को भी आमंत्रित किया जाता है। इसके अतरिक्त अलग अलग अभियान्तिकी शाखाओं के छात्रों द्वारा भी तकनिकी और अतकनीकी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जैसे नए सत्र में आये छात्रों के लिए फ्रेशेर्स पार्टी या अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए विदाई समारोह इत्यादि। |
समय समय पर संस्थान में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमे भाग लेने के लिए अन्य संस्थानों को भी आमंत्रित किया जाता है। इसके अतरिक्त अलग अलग अभियान्तिकी शाखाओं के छात्रों द्वारा भी तकनिकी और अतकनीकी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जैसे नए सत्र में आये छात्रों के लिए फ्रेशेर्स पार्टी या अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए विदाई समारोह इत्यादि। |
||
==विद्यार्थी रोज़गार== |
== विद्यार्थी रोज़गार == |
||
प्रतिवर्ष संस्थान परिसर में विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित कंपनियां छात्रों के लिए आती है जैसे पिछले कुछ वर्षों में आई कंपनियां है:- [[इन्फोसिस]], [[सत्यम]], |
प्रतिवर्ष संस्थान परिसर में विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित कंपनियां छात्रों के लिए आती है जैसे पिछले कुछ वर्षों में आई कंपनियां है:- [[इंफोसिस|इन्फोसिस]], [[सत्यम]], [[एल&टी इन्फोटेक]], [[टोरी हैरिस]], [[पैरोट]], [[ई डी एस]], [[बैंक ऑफ़ अमेरिका]], [[बजाज ऑटो लिमिटेड]], [[बिरला सॉफ्ट]], [[महिंद्रा & महिंद्रा स्टील]] इत्यादि।<br /> |
||
[http://www.dit.edu.in/PlacementCompanies.aspx पूरी सूची के लिये देखें।] |
[https://web.archive.org/web/20090407093825/http://www.dit.edu.in/PlacementCompanies.aspx पूरी सूची के लिये देखें।] |
||
== सन्दर्भ == |
|||
⚫ | |||
<references/> |
|||
== बाहरी कड़ियाँ == |
|||
==वाह्य सूत्र== |
|||
* [http://www.dit.edu.in डी आई टी का आधिकारिक जालस्थल।] |
* [https://web.archive.org/web/20080711060741/http://www.dit.edu.in/ डी आई टी का आधिकारिक जालस्थल।] |
||
*[http://www.uktech.in/ |
* [https://web.archive.org/web/20091201014711/http://www.uktech.in/ उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय का आधिकारिक जालस्थल।] |
||
*[http://www.uptu.ac.in/ उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यलय का आधिकारिक जालस्थल।] |
* [https://web.archive.org/web/20090919011531/http://www.uptu.ac.in/ उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यलय का आधिकारिक जालस्थल।] |
||
{{उत्तराखण्ड के विश्वविद्यालय}} |
|||
[[Category:Engineering colleges in Uttarakhand]] |
|||
⚫ | |||
[[श्रेणी:शिक्षण संस्थान]] |
|||
[[श्रेणी:देहरादून]] |
|||
[[en:Dehradun Institute of Technology]] |
|||
[[श्रेणी:उत्तराखण्ड के विश्वविद्यालय]] |
14:47, 7 जनवरी 2024 के समय का अवतरण
देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान | |
स्थापना | २८ अक्टूबर, १९९८ |
निदेशक | डा कृष्ण कुमार |
स्थिति | देहरादून, उत्तराखण्ड, भारत |
संबंद्धता | उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय[1] |
विद्यार्थी | लगभग २,३०० |
शिक्षक | लगभग ८० |
नीति वाक्य (मोटो) | परिश्रम, समग्रता, अध्यापन (Diligence, Integrity, Teaching') |
रंग | लाल और नीला |
प्रकार | निजी |
मुखपृष्ठ | आधिकारिक संजालपृष्ठ |
देहरादून प्रोद्योगिकी संस्थान, उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में मसूरी जाने वाली सड़क पर स्थित एक प्रौद्योगिकी संस्थान है। यह देहरादून का एक प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थान है। देहरादून नगर से इसकी दूरी १० किमी है और मसूरी से २० किमी। ये दून घाटी की मनोहर पर्वतश्रृंखला से घिरा हुआ है। यहाँ तक पहुँचने के लिए पक्की सड़क है और निजी या सार्वजानिक वाहन द्वारा यहाँ सरलता से पहुंचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन यहाँ से लगभग १२ किमी या ३० मिनट की दूरी पर स्थित है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से देहरादून की दूरी लगभग २५० किमी है और दोनों नगर सड़क और रेल मार्ग से जुड़े हुए हैं जिससे यहाँ पहुंचना सरल है।
संस्थान की स्थापना २८ अक्टूबर, १९९८ में की गयी थी। आज यहाँ २,३००+ छात्र-छात्राएं विभिन्न पाठ्यक्रमो में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ये यूनिसन ग्रुप की सबसे बड़ी परियोजना थी। ग्रुप की अन्य परियोजनायें हैं आई एम एस, देहरादून; आई एम एस नौएडा; डी ई टी-वास्तुशिल्प संकाय, डी ई टी-फार्मेसी संकाय, यूनिसन विधि विद्यालय और यूनिसन विश्वविद्यालय। इन सबके अतिरिक्त अन्य भी बहुत से संस्थान यूनिसन ग्रुप द्वारा विचाराधीन या निर्माणाधीन है।
डी आई टी में पढने के लिए स्थानीय छात्रों के आतिरिक्त पूरे उत्तराखण्ड से और देश के अलग-अलग राज्यों से छात्र आते हैं, जिससे यहाँ पढने वाले छात्रों को देश के अन्य राज्यों के बारे में जानकारी मिलती है।
परिसर
[संपादित करें]संस्थान परिसर में मुख्य शैक्षणिक भवन के अतिरिक्त, एक सहायक शैक्षणिक भवन, २ छात्रावास, ३ छात्रवास, आई एम एस भवन और फार्मेसी और वास्तुशिल्प विज्ञान विज्ञान भवन है। पूरा परिसर १८-२५ एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका निरंतर विस्तार हो रहा है। संस्थान परिसर में ही छात्र-छात्राओं के लिए पूर्ण-विकसित आवास की व्यवस्था है। छात्रों के आवास की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यहाँ ८०० छात्रों और ३०० छात्राओं के ठहरने की व्यवस्था है जबकि एक और छात्रावास निर्माणाधीन है। छात्रवास के २ खंडों में प्रत्येक कमरा अलग है, जबकि २००४-०५ सत्र से आरम्भ हुए तीसरे छात्रवास में आधुनिक शैली के कमरों का निर्माण किया गया है जिसमे प्रत्येक कमरे में २ छात्रों के रहने की व्यस्था है। उसी सत्र में आरम्भ हुए छात्रावास में भी ऐसी ही व्यस्था है।
संबद्धता/मान्यता
[संपादित करें]संस्थान उत्तर प्रदेश प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त था, लेकिन डी आई टी, सन् २००० में नवगठित राज्य उत्तराखण्ड के अधिकार क्षेत्र में है और उत्तराखण्ड के सभी प्रौद्योगिकी संस्थानों का वर्ष २००६ में नवगठित, उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्धीकरण होना आवश्यक है, इसलिए वर्ष २००९ में संस्थान का उत्तर प्रदेश प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त अंतिम जत्था (बैच) पास हुआ और फिर देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान पूर्णतया उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त संस्थान बन गया।[2] यद्यपि संस्थान को स्वसंबद्धीकृत (डीम्ड) संस्थान बनानें की भी योजना है, जिसके लिए यूनिसन ग्रुप द्वारा और भी पाठ्यक्रम आरम्भ किए जा रहे हैं।
पाठ्यक्रम
[संपादित करें]डी आई टी में निम्नलिखित पाठ्यक्रम इस प्रकार हैं:-
बी टेक
[संपादित करें]- अप्लाइड इलेक्ट्रोनिक्स और इन्सट्रूमेंटेशन (प्रयोगिक इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरणीकरण)
- इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (सूचना प्रौद्योगिकी)
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (वैद्युत अभियांत्रिकी)
- इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनीकेशंस इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार अभियांत्रिकी)
- इंडसट्रिअल प्रोडक्शंस (औद्योगिक उत्पादन अभियांत्रिकी)
- कंप्यूटर साइंस (संगणक विज्ञान)
- मकेनीकल इंजीनियरिंग (यांत्रिक अभियांत्रिकी)
एम टेक
[संपादित करें]- डिजीटल कम्युनिकेशन
- कंप्यूटर साइंस
- थर्मल अभियांत्रिकी
एम बी ए
[संपादित करें]एम सी ए
[संपादित करें]देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान वास्तुकला में स्नातक स्तर प्रदान करता है। यह वास्तुकला में देश के सबसे प्रसिद्ध संस्थानों में से एक है,वास्तुकला के क्षेत्र में प्रभावी रूप से योगदान देने हेतु तथा युवा पेशेवरों को गुणवत्ता की शिक्षा और कौशल प्रदान करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ वास्तुकला के संकाय में इसे २००५ में स्थापित किया गया था। वास्तुकला के संकाय विधिवत वास्तुकला परिषद द्वारा पारित है। वास्तुकला के संकाय टीम वर्क और सहयोग को बढ़ावा देने तथा शैक्षिक कार्यक्रमों को उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। तथा कॉर्पोरेट जगत के साथ हमारी अद्वितीय साझेदारी रखता है।
वास्तुकला एक कैरियर के रूप में!!!'
वास्तुकला में स्नातक काम कर सकते हैं
वास्तु इंजीनियर वास्तु इतिहासकार / पत्रकार कला निर्देशक बिल्डिंग कांट्रेक्टर बिल्डिंग इंस्पेक्टर बिल्डिंग शोधक इंटीरियर डिजाइनर लैंडस्केप आर्किटेक्ट। सेट डिजाइनर तकनीकी इलस्ट्रेटर के
कार्यक्रम:-बैचलर ऑफ आर्किटैक्चर (बी-आर्क)
पात्रता:-उम्मीदवार को गणित एक अनिवार्य विषय के रूप में होना तथा दसवीं और बारहवीं कक्षा में न्यूनतम कुल 60% अंक होना चाहिए (औसत स्कोर 200 में से 80 या उससे अधिक होना चाहिए)
वास्तुकला में नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट (NATA) के बिना कोई छात्र वास्तुकला में स्नातक होने के बाद भी वास्तुकला की परिषद द्वारा एक वास्तुकार के रूप में पंजीकृत नहीं माना जाएगा।
[[1]]
अवधि:-5 वर्ष सीट:- ८० कुल
सीट डिस्ट्रबिशन :-उत्तराखंड के निवासियों के लिए ४० % अखिल भारतीय उम्मीदवारों के लिए ५०% एवं नआरआई / उद्योग प्रायोजित के लिए १०%
आरक्षण:- ४० % सीटें उत्तराखंड सरकार द्वारा निर्धारित मान्य उत्तराखंड अधिवास प्रमाण पत्र के साथ उत्तराखंड उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं।
बैचलर ऑफ आर्किटैक्चर (बी-आर्क)
देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान वास्तुकला में स्नातक स्तर प्रदान करता है। यह वास्तुकला में देश के सबसे प्रसिद्ध संस्थानों में से एक है,वास्तुकला के क्षेत्र में प्रभावी रूप से योगदान देने हेतु तथा युवा पेशेवरों को गुणवत्ता की शिक्षा और कौशल प्रदान करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ वास्तुकला के संकाय में इसे २००५ में स्थापित किया गया था। वास्तुकला के संकाय विधिवत वास्तुकला परिषद द्वारा पारित है। वास्तुकला के संकाय टीम वर्क और सहयोग को बढ़ावा देने तथा शैक्षिक कार्यक्रमों को उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। तथा कॉर्पोरेट जगत के साथ हमारी अद्वितीय साझेदारी रखता है।
वास्तुकला एक कैरियर के रूप में!!!'
वास्तुकला में स्नातक काम कर सकते हैं
वास्तु इंजीनियर वास्तु इतिहासकार / पत्रकार कला निर्देशक बिल्डिंग कांट्रेक्टर बिल्डिंग इंस्पेक्टर बिल्डिंग शोधक इंटीरियर डिजाइनर लैंडस्केप आर्किटेक्ट। सेट डिजाइनर तकनीकी इलस्ट्रेटर के
कार्यक्रम:-बैचलर ऑफ आर्किटैक्चर (बी-आर्क)
पात्रता:-उम्मीदवार को गणित एक अनिवार्य विषय के रूप में होना तथा दसवीं और बारहवीं कक्षा में न्यूनतम कुल 60% अंक होना चाहिए (औसत स्कोर 200 में से 80 या उससे अधिक होना चाहिए)
वास्तुकला में नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट (NATA) के बिना कोई छात्र वास्तुकला में स्नातक होने के बाद भी वास्तुकला की परिषद द्वारा एक वास्तुकार के रूप में पंजीकृत नहीं माना जाएगा।
अवधि:-5 वर्ष सीट:- ८० कुल
सीट डिस्ट्रबिशन :-उत्तराखंड के निवासियों के लिए ४० % अखिल भारतीय उम्मीदवारों के लिए ५०% एवं नआरआई / उद्योग प्रायोजित के लिए १०%
आरक्षण:- ४० % सीटें उत्तराखंड सरकार द्वारा निर्धारित मान्य उत्तराखंड अधिवास प्रमाण पत्र के साथ उत्तराखंड उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं।
==============================================================================================================================[संपादित करें]
किसी भी शैक्षणिक संस्थान में संकाय की श्रेष्ठता सबसे जरूरी है। वास्तुकल प्रौद्योगिकी विभाग में, हम हमारे साथ दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों से आते हैं, जो देश में सबसे प्रतिभाशाली और समर्पित सोच के छात्रों के लिए हम सबसे अच्छा अकादमिक अध्ध्य्यन प्रस्तुत कर रहे हैं, लेकिन नैतिक और नैतिक मूल्यों का उच्च स्तर ही हमारा ध्येय है। यह हमारे संकाय के छात्रों के लिए के लिए सही रोल मॉडल की भूमिका में हमें सक्षम बनाता है।
विभाग के संकाय
प्रो नेहरू लाल एआर। रमेश नागवडीवेलु (सहायक। प्रो) एआर। जितेंद्र कुमार सरोही (सहायक। प्रो) एआर। संदीप सक्सेना (सहायक। प्रो) एआर। वर्तिका सक्सेना (सहायक। प्रो) एआर। कपिल कुमार (सहायक। प्रो) एआर। अनवर कमाल श्री .अखिलेश कुमार (सहायक। प्रो) सुश्री . रश्मिका सिंह (सहायक। प्रो) एआर। ऋषि राज गुप्त (सहायक। प्रो) श्री अनय आनंद (सहायक। प्रो) श्री पंकज (सहायक। प्रो) सुश्री.वर्तिका राणा श्रीमती ममता बरमोला सुश्री धृति ढौंडियाल
फार्मेसी (औषध-विज्ञान)
[संपादित करें]केंद्रीय पुस्तकालय
[संपादित करें]पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्थान का एक महत्वपूर्ण अंग होता है और ये वहां पढने वाले विद्यार्थी के सम्पूर्ण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर डी आई टी प्रबंधन द्वारा आधुनिक सुविधाओं से युक्त केंद्रीय पुस्तकालय का निर्माण करवाया गया जहाँ पर पाठ्यक्रम की पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य बहुत सी पुस्तकें उपलब्ध हैं, जैसे समाचार पत्र, देश-विदेश में होने वाली शोधो पर छापी पत्रिकाएँ, संस्थान के भूतपूर्व विद्यार्थियों द्वारा किये गए प्रोजेक्ट, उच्च शिक्षा की तयारी के लिए पुस्तकें और बहुत सी धार्मिक पुस्तकें इत्यादि। इन सबके अतिरिक्त इलेक्ट्रानिक्स माध्यम की पुस्तकें भी सीडी, फ्लौपी, ऑडियो कैसेट द्वारा उपलब्ध हैं।
- केंद्रीय पुस्तकालय की विशेताएँ
- केंद्रीय पुस्तकालय में लगभग ३०,००० पुस्तकें हैं।
- इस समय पुस्तकलय में लगभग १९ समाचार पत्रिकाएँ और ५८ शोध पत्रिकाएँ उपलब्ध हैं।
- इस समय विभिन्न पुस्तकों की लगभग २५० फ्लौपियाँ और विभिन्न पुस्तकों, सॉफ़्टवेयरों, पत्रिकाओं और अन्य पाठन सामग्री की ३,५०० सीडीयां उपलब्ध हैं।
- पुस्तकालय का संचालन अर्ध स्वचालित ईआरपी (ERP) सॉफ्टवेर के द्वारा किया जाता है।
- ३०,००० पुस्तकें ओपेक (OPEC) खोज सुविधा द्वारा प्राप्त की जा सकती हैं।
- अन्क्दर्शी पुस्तकालय परिकर में २७० से अधिक सर्वर आधारित प्रज्ञता सामग्री उपलब्ध है, जिसे अन्क्दर्शी पुस्तकालय द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
- नाममात्र के शुल्क पर बुक बैंक की सुविधा विद्यार्थियों को दी जाती है।
- टी ई क्यु आई पी (TEQIP) योजना के अंतर्गत आरक्षित विद्यार्थियों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध है।
- प्रतिलिपि की सुविधा भी विद्यार्थियों और अन्य सदस्यों को पुस्तकालय में दी जाती है।
मनोविनोद और मनोरंजन
[संपादित करें]समय समय पर संस्थान में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमे भाग लेने के लिए अन्य संस्थानों को भी आमंत्रित किया जाता है। इसके अतरिक्त अलग अलग अभियान्तिकी शाखाओं के छात्रों द्वारा भी तकनिकी और अतकनीकी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जैसे नए सत्र में आये छात्रों के लिए फ्रेशेर्स पार्टी या अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए विदाई समारोह इत्यादि।
विद्यार्थी रोज़गार
[संपादित करें]प्रतिवर्ष संस्थान परिसर में विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित कंपनियां छात्रों के लिए आती है जैसे पिछले कुछ वर्षों में आई कंपनियां है:- इन्फोसिस, सत्यम, एल&टी इन्फोटेक, टोरी हैरिस, पैरोट, ई डी एस, बैंक ऑफ़ अमेरिका, बजाज ऑटो लिमिटेड, बिरला सॉफ्ट, महिंद्रा & महिंद्रा स्टील इत्यादि।
पूरी सूची के लिये देखें।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ २००९ तक उत्तर प्रदेश प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय मान्यता प्राप्त, अब पूर्णतः उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्धता
- ↑ "उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्धीकृत संस्थान". मूल से 11 जून 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अगस्त 2010.