देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान
देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान | |
दून घटी में स्थित देहरादून प्रोद्योगिकी संस्थान। | |
स्थापना | २८ अक्टुबर, १९९८ |
निदेशक | डा कृष्ण कुमार |
स्थिति | देहरादून, उत्तराखंड, भारत |
संबंद्धता | उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय |
विद्यार्थी | लगभग २,३०० |
शिक्षक | लगभग ८० |
नीति वाक्य (मोटो) | परिश्रम, समग्रता, अध्यापन (Diligence, Integrity, Teaching') |
रंग | लाल और नीला |
प्रकार | निजी |
मुखपृष्ठ | http://www.dit.edu.in/Default.aspx |
देहरादून प्रोद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मसूरी जाने वाली सड़क पर स्थित एक प्रोद्योगिकी संस्थान है। देहरादून नगर से इसकी दूरी १० किमी है और मसूरी से २० किमी। ये दून घाटी की मनोहर पर्वतशृंखला से घिरा हुआ है। यहाँ तक पहुचने के लिए पक्की सड़क है और निजी या सार्वजानिक वाहन द्वारा यहाँ सरलता से पहुंचा जा सकता है। निकटतम ट्रेन स्टेशन यहाँ से लगभग १२ किमी या ३० मिनट की दूरी पर स्थित है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से देहरादून की दूरी लगभग २५० किमी है और दोनों नगर सड़क और रेल मार्ग से जुड़े हुए हैं जिससे यहाँ पहुंचना सरल है।
संस्थान की स्थापना २८-अक्टूबर-१९९८ में की गयी थी। आज यहाँ २,३००+ छात्र-छात्राएं विभिन्न पाठ्यक्रमो में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ये यूनिसन ग्रुप की सबसे बड़ी परियोजना थी। ग्रुप की अन्य परियोजनायें हैं आई एम एस, देहरादून; आई एम एस नौएडा; डी ई टी-वास्तुशिल्प संकाय, डी ई टी-फार्मेसी संकाय, यूनिसन विधि विद्यालय, और यूनिसन विश्व विद्यालय। इन सबके अतिरिक्त अन्य भी बहुत से संस्थान यूनिसन ग्रुप द्वारा विचाराधीन या निर्माणाधीन है। डी आई टी में पढने के लिए स्थानीय छात्रों के आतिरिक्त पूरे उत्तराखंड से और देश के अलग-अलग राज्यों से छात्र आते हैं, जिससे यहाँ पढने वाले छात्रों को देश के अन्य राज्यों के बारे में जानकारी मिलती है।
परिसर
संस्थान परिसर में मुख्य शैक्षणिक भवन के अतिरिक्त, एक सहायक शैक्षणिक भवन, २ छात्रावास, ३ छात्रवास, आई एम एस भवन, और फार्मेसी और वास्तुशिल्प विज्ञान विज्ञान भवन है। पूरा परिसर १८-२५ एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका निरंतर विस्तार हो रहा है। संस्थान परिसर में ही छात्र-छात्राओं के लिए पूर्ण-विकसित आवास की व्यवस्था है। छात्रों के आवास की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यहाँ ८०० छात्रों और ३०० छात्राओं के ठहरने की व्यवस्था है जबकि एक और छात्रावास निर्माणाधीन है। छात्रवास के २ खंडों में प्रत्येक कमरा अलग है, जबकि २००४-०५ सत्र से आरम्भ हुए तीसरे छात्रवास में आधुनिक शैली के कमरों का निर्माण किया गया है जिसमे प्रत्येक कमरे में २ छात्रों के रहने की व्यस्था है। उसी सत्र में आरम्भ हुए छात्रावास में भी ऐसी ही व्यस्था है।
संबद्धता/मान्यता
संस्थान उत्तर प्रदेश प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त है, लेकिन डी आई टी, सन् २००० में नवगठित राज्य उत्तराखंड के अधिकार क्षेत्र में है, और उत्तराखंड के सभी प्रौद्योगिकी संस्थानों का वर्ष २००६ में नवगठित, उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्धीकरण होना आवश्यक है, इसलिए वर्ष २००९ में संस्थान का उत्तर प्रदेश प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त अंतिम जत्था (बैच) पास होगा, और फिर देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान पूर्णतया उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त संस्थान बन जाएगा। यद्यपि संस्थान को स्वसंबद्धीकृत (डीम्ड) संस्थान बनानें की भी योजना है, जिसके लिए यूनिसन ग्रुप द्वारा और भी पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं।
पाठ्यक्रम
डी आई टी में निम्नलिखित पाठ्यक्रम इस प्रकार हैं:-
बी टेक
- अप्लाइड इलेक्ट्रोनिक्स और इन्सट्रूमेंटेशन (प्रयोगिक इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरणीकरण)
- इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (सूचना प्रौद्योगिकी)
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (वैद्युत अभियांत्रिकी)
- इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनीकेशंस (इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार)
- इंडसट्रिअल प्रोडक्शंस (औद्योगिक उत्पादन अभियांत्रिकी)
- कंप्यूटर साइंस (संगणक विज्ञान)
- मकेनीकल इंजीनियरिंग (यांत्रिक अभियांत्रिकी)
एम टेक
- डिजीटल कम्युनिकेशन
- कंप्यूटर साइंस
- थर्मल अभियांत्रिकी
एम बी ए
एम सी ए
अर्कीटेक्चर (वास्तुशिल्प विज्ञान)
फार्मेसी (औषध विज्ञान)
केंद्रीय पुस्तकालय
पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्थान का एक महत्वपूर्ण अंग होता है और ये वहां पढने वाले विद्यार्थी के सम्पूर्ण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर डी आई टी प्रबंधन द्वारा आधुनिक सुविधाओं से युक्त केंद्रीय पुस्तकालय का निर्माण करवाया गया जहाँ पर पाठ्यक्रम की पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य बहुत सी पुस्तकें उपलब्ध हैं, जैसे समाचार पत्र, देश-विदेश में होने वाली शोधो पर छापी पत्रिकाएँ, संस्थान के भूतपूर्व विद्यार्थियों द्वारा किये गए प्रोजेक्ट, उच्च शिक्षा की तयारी के लिए पुस्तकें और बहुत सी धार्मिक पुस्तकें जैसे भगवद गीता इत्यादि। इन सबके अतिरिक्त इलेक्ट्रानिक्स माध्यम की पुस्तकें भी सीडी, फ्लौपी, ऑडियो कैसेट द्वारा उपलब्ध हैं।
- केंद्रीय पुस्तकालय की विशेताएँ
- केंद्रीय पुस्तकालय में लगभग ३०,००० पुस्तकें हैं।
- इस समय पुस्तकलय में लगभग १९ समाचार पत्रिकाएँ और ५८ शोध पत्रिकाएँ उपलब्ध हैं।
- इस समय विभिन्न पुस्तकों की लगभग २५० फ्लौपियाँ और विभिन्न पुस्तकों, सॉफ़्टवेयरों, पत्रिकाओं, और अन्य पाठन सामग्री की ३,५०० सीडीयां उपलब्ध हैं।
- पुस्तकालय का सञ्चालन अर्ध स्वचालित ईआरपी (ERP) सॉफ्टवेर के द्वारा किया जाता है।
- ३०,००० पुस्तकें ओपेक (OPEC) खोज सुविधा द्वारा प्राप्त की जा सकती हैं।
- अन्क्दर्शी पुस्तकालय परिकर में २७० से अधिक सर्वर आधारित प्रज्ञता सामग्री उपलब्ध है, जिसे अन्क्दर्शी पुस्तकालय द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
- नाममात्र के शुल्क पर बुक बैंक की सुविधा विद्यार्थियों को दी जाती है।
- टी ई क्यु आई पी (TEQIP) योजना के अंतर्गत आरक्षित विद्यार्थियों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध है।
- प्रतिलिपि की सुविधा भी विद्यार्थियों और अन्य सदस्यों को पुस्तकालय में दी जाती है।
मनोविनोद और मनोरंजन
समय समय पर संस्थान में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमे भाग लेने के लिए अन्य संस्थानों को भी आमंत्रित किया जाता है। इसके अतरिक्त अलग अलग अभियान्तिकी शाखाओं के छात्रों द्वारा भी तकनिकी और अतकनीकी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जैसे नए सत्र में आये छात्रों के लिए फ्रेशेर्स पार्टी या अंतिम वर्ष के चरतो के लिए विदाई समारोह इत्यादि।
विद्यार्थी रोज़गार
प्रतिवर्ष संस्थान परिसर में विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित कंपनियां छात्रों के लिए आती है जैसे पिछले कुछ वर्षों में आई कंपनियां है:- इन्फोसिस, सत्यम, एल&टी इन्फोटेक, टोरी हैरिस, पैरोट, ई डी एस, बैंक ऑफ़ अमेरिका, बजाज ऑटो लिमिटेड, बिरला सॉफ्ट, महिंद्रा & महिंद्रा स्टील इत्यादि।
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