सामग्री पर जाएँ

कोपरा

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
कोपरा निर्माण के लिए भारतीय राज्य केरल के कोड़िकोड में सूर्य की धूप में रखे हुये नारियल

कोपरा (मलयालमകൊപ്ര, कोप्पर/कोपर [?]; कन्नड़ಕೊಬ್ಬರಿ, कोब्बरी [?]; तेलुगुకొబ్బరి, कोब्बरी [?]; तमिलகொப்பரை, कोप्परै [?] से) नारियल से नारियल तेल निकालने के बाद बचने वाली श्वेत खल को कहते हैं।[1] पारम्परिक रूप से पहले नारियल को सूर्य की धूप में सुखाया जाता है, उसके बाद सामान्य तरिके से घानी में इसका तेल निकाला जाता है जिसे कोपरा तेल भी कहते हैं। इस तेल में लॉरिक अम्ल पर्याप्त मात्रा में होता है जिससे इसका उपयोग लाउराइल अल्कोहल, साबुन वसायुक्त अम्लों, सौंदर्य प्रसाधनों इत्यादि में किया जाता है। कोपरा का उपयोग पशुओं के आहार के रूप में भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ मिठाइयों में भी इसे काम में लिया जाता है।[2]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. Ehrilch, Eugene, संपा॰ (1982). Oxford American Dictionary.
  2. Gove, Philip B., संपा॰ (1961). Webster's Third New International Dictionary, Unabridged. G. & C. Merriam.

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]