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क्राइमियाई ख़ानत

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सन् १६०० ईसवी में क्राइमियाई ख़ानत (नारंगी रंग में)

क्राइमियाई ख़ानत (क्राइमियाई तातारी: قريم خانلغى‎, क़िरीम ख़ानलिग़ी; अंग्रेज़ी: Crimean Khanate) एक ख़ानत थी जिसपर सन् १४४१ से १७८३ ईसवी तक क्राइमियाई तातार लोगों का राज रहा था। इसके ख़ान शासक तोक़ा तैमूर के वंशज थे जो स्वयं जोची ख़ान का तेहरावाँ पुत्र और मंगोल साम्राज्य के संस्थापक चंगेज़ ख़ान का पोता था। सुनहरा उर्दू नामक ख़ानत के अंत होने पर जितनी भी तातार ख़ानतें उभरीं उनमें से क्राइमियाई ख़ानत ही सबसे दीर्घायु थी।[1] इसका राज आधुनिक युक्रेन के क्राइमिया प्रायद्वीप और उसके कुछ पड़ोसी इलाक़ों पर था। जब तुर्की से उभरकर इस पूरे क्षेत्र में उसमानी साम्राज्य शक्तिशाली बना तो क्राइमियाई ख़ानत उसके अधीन एक राज्य बन गया और उसके द्वारा सुरक्षित रखा जाने लगा। उसमानी सुल्तान क्राइमियाई ख़ानों के साथ अधीन राजाओं जैसा बर्ताव कम और दोस्त जैसा बर्ताव ज़्यादा करते थे।[2] १८वीं सदी में रूसी साम्राज्य के उभरने पर इसकी ज़मीनों पर रूस ने क़ब्ज़ा कर लिया और ख़ानत का अंत हो गया।[3]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. Russia and the Golden Horde: the Mongol impact on medieval Russian history, Charles J. Halperin, Indiana University Press, 1985, ISBN 9780253204455, ... The Crimean khanate, more than any other, had preserved the traditions and institutions of the Golden Horde ...
  2. The Crimean Tatars: the diaspora experience and the forging of a nation, Brian Glyn Williams, BRILL, 2001, ISBN 9789004121225, ... From the sixteenth through the eighteenth centuries, the Crimean khans acted in steppe politics as virtually independent sovereigns ... they were treated by the Ottoman bureaucracy more as allies than as subjects ...
  3. The Russian Annexation of the Crimea 1772-1783, CUP Archive, ISBN 9781001341088