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विश्व शतरंज चैंपियनशिप

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मैग्नस कार्लसन नॉर्वे से मौजूदा विश्व चैंपियन

विश्व शतरंज चैंपियनशिप शतरंज के विश्व विजेता खिलाड़ी निश्चित करने के लिए खेली जाने वाली प्रतियोगिता हैं। माना जाता है कि आधिकारिक विश्व चैम्पियनशिप आम तौर पर 1886 में शुरू कि गयी थी जब यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में दो प्रमुख खिलाङी, जोहान ज़ुकेर्तोर्त और विल्हेम स्टेनिज एक मैच खेले थे। मौजूदा विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन तत्कालीन चैंपियन विश्वनाथन आनंद को हराने के बाद खिताब जीता है।[1]


██ अविवादित चैंपियन██ क्लासिकल चैंपियन██ फाइड चैंपियन

विश्व शतरंज चैंपियन की अवधारणा 19 वीं सदी में उभरा और खिताब "विश्व चैंपियन" 1845 में दिखाई दिया। इस समय के बाद से विभिन्न खिलाङी विश्व चैंपियन के रूप में प्रसिद्ध थे, पर माना जाता है कि आधिकारिक विश्व चैम्पियनशिप आम तौर पर 1886 में शुरू कि गयी थी जब यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में दो प्रमुख खिलाङी, जोहान ज़ुकेर्तोर्त और विल्हेम स्टेनिज एक मैच खेले थे। 1948 तक विश्व चैम्पियनशिप प्रतियोगिताओं खिलाङी के बीच निजी तौर पर व्यवस्थित किये मैच थे, इस वजह से खिलाड़ियों को धनराशि को खुद से जुटाना पडता था।

कारपोव और कास्परोव युग

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कारपोव का 1970 के दशक और 1980 के दशक का प्रभुत्व था। उन्होंने साबित किया कि वह दुनिया में सबसे मजबूत खिलाड़ी है जब उन्होंने दो बार अपना विश्व खिताब की रक्षा कि थी। उनकी "बोआ कंस्ट्रिकटर" शैली विरोधियों को निराश कर देती थी। उस ही समय गैरी कास्पारोव खेलने की अपनी आक्रामक शैली के साथ करण प्रसिद्ध हो रहे थे।

कारपोव अंततः एक आक्रामक गैरी कास्परोव को अपना खिताब खो दिया। उन दोनों ने पांच करीबी विश्व चैम्पियनशिप मैचों लडे, जिनमें से सभी कास्पारोव द्वारा जीते गए। इस प्रकार कास्पारोव शतरंज के सुपरस्टार बन गए।

विभाजित खिताब (1993–2005)

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1993 में, कास्पारोव और चैलेंजर नाइजेल शॉर्ट फाइड के भीतर भ्रष्टाचार और व्यावसायिकता की कमी की शिकायत की और पेशेवर शतरंज एसोसिएशन (पीसीए) स्थापित करने के लिए फाइड से विभाजित हो गए। इस से दो अलग विश्व चैंपियन हुए। दोनों संगठनों के विश्व चैंपियन का फैसला करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया, दोनों टूर्नामेंट मे चैलेंजर्स तय करने के लिए अलग योग्यता प्रारूप था।

पुनः एकीकृत खिताब (2006–वर्तमान)

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तोपालोव और क्रामनिक के बीच एकीकरण मैच 2006 में आयोजित किया गया था। काफी विवाद के बाद, यह क्रामनिक ने जीता। क्रामनिक इस प्रकार कास्पारोव के बाद से पहली बार एकीकृत और निर्विवाद विश्व शतरंज चैंपियन बने। विश्वनाथन आनंद 2007 में विश्व शतरंज चैंपियन बने, वह 2013 तक खिताब बरकरार रखा और 2013 मे नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन से खिताब हार गए।

विश्व चैंपियन

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निर्विवाद विश्व चैंपियन (1886-1993)

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# नाम वर्ष देश उम्र
1 विल्हेल्म स्टाइनिट्ज़ 1886–1894 ऑस्ट्रिया-हंगरी (बोहेमिया)
 संयुक्त राज्य अमेरिका
50–58
2 एमानुएल लास्कर 1894–1921 जर्मनी 26–52
3 जोस राउल कैपाब्लैंका 1921–1927  क्यूबा 33–39
4 अलेक्जेंडर एलेखाइन 1927–1935
1937–1946
फ़्रान्स फ्रांस
रूस रूस
35–43
45–54
5 मैक्स एउवे 1935–1937  नीदरलैंड 34–36
6 मिखेल बौट्विन्निक 1948–1957
1958–1960
1961–1963
 सोवियत संघ 37–46
47–49
50–52
7 वसीली स्म्य्स्लोव 1957–1958  सोवियत संघ 36
8 मिखाइल ताल 1960–1961  सोवियत संघ 24
9 तिग्रन पेत्रोसिअन 1963–1969  सोवियत संघ 34–40
10 बोरिस स्पस्स्क्य 1969–1972  सोवियत संघ 32–35
11 बॉबी फिशर 1972–1975  संयुक्त राज्य अमेरिका 29–32
12 ऐनैटोली कार्पोव 1975–1985  सोवियत संघ 24–34
13 गैरी कास्परोव 1985–1993  सोवियत संघ
 रूस
22–30

निर्विवाद विश्व चैंपियन (2006–वर्तमान)

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# नाम वर्ष देश उम्र
14 व्लादिमीर क्रैमनिक 2006–2007  रूस 31–32
15 विश्वनाथन आनंद 2007–2013  भारत 38–43
16 मैग्नस कार्लसन 2013–वर्तमान  नॉर्वे 22

सन्दर्भ

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  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 23 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 नवंबर 2013.