शुऐब (इस्लाम)
शुऐब (इस्लाम),शुएब,शोएब (अंग्रेज़ी:Shuaib) क़ुरआन में वर्णित अरबी भाषा में नबी पैग़म्बर का नाम है अर्थ: "जो सही रास्ता दिखाता है", कुरआन में उनका कुल 11 बार उल्लेख है। वह मूसा (अ.) के ससुर भी थे । कुरआन के अनुसार शोएब (अ) को मदीना भेजा गया था। जब मदीना के लोग नापतोल में कमी करते थे और हर तरह के विद्रोह और अवज्ञा में डूबे हुए थे।
इस्लाम धर्म की महत्वपूर्ण पुस्तक क़िसासुल अंबिया और ऐतिहासिक पुस्तकों के अनुसार [1] शुएब अलैहि सलाम की कौम को दो किस्म के अज़ाब ने आ घेरा. एक ज़लज़ले का अजाब और दूसरा आग की बारिश का अजाब यानी जब वे अपने घरों में आराम कर थे तो यकायक एक हौलनाक ज़लज़ला आया। अभी यह हौलनाकी ख़त्म न हुई थी कि ऊपर से आग बरसने लगी और नतीजा यह निकला कि सुबह को देखने वालों ने देखा कि कल के सरकश और मगरूर आज घुटनों के डर औंधे झुलसे हुए पड़े हैं।[2]
क़ुरआन में वर्णन
[संपादित करें]- जबकि शुऐब ने उनसे कहा, "क्या तुम डर नहीं रखते? मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ अतः अल्लाह का डर रखो और मेरी आज्ञा का पालन करो मैं इस काम पर तुमसे कोई प्रतिदान नहीं माँगता। मेरा प्रतिदान तो बस सारे संसार के रब के ज़िम्मे है तुम पूरा-पूरा पैमाना भरो और घाटा न दो और ठीक तराज़ू से तौलो और लोगों को उनकी चीज़ों में घाटा न दो और धरती में बिगाड़ और फ़साद मचाते मत फिरो (क़ुरआन 26:177-182 )
- और हमने उस बस्ती से प्राप्त होनेवाली एक खुली निशानी उन लोगों के लिए छोड़ दी है, जो बुद्धि से काम लेना चाहे और मदयन की ओर उनके भाई शुऐब को भेजा। उसने कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो, अल्लाह की बन्दगी करो। और अंतिम दिन की आशा रखो और धरती में बिगाड़ फैलाते मत फिरो।" किन्तु उन्होंने उसे झुठला दिया। अन्ततः भूकम्प ने उन्हें आ लिया। और वे अपने घरों में औंधे पड़े रह गए (क़ुरआन 29:35-37)
- ‘फिर उन्होंने शुऐब को झुठलाया, पस आ पकड़ा उनको बादल वाले अज़ाब ने (जिसमें आग थी) बेशक वह बड़े होलनाक दिन का अज़ाब था।‘ (क़ुरआन 26:189]
इस्लाम के पैगम्बर कुरान अनुसार | |||||||||||||
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आदम | इदरीस | नुह | हुद | सालेह | इब्राहीम | लूत | इस्माइल | इसहाक | याकूब | यूसुफ़ | अय्यूब | ||
آدم | إدريس | نوح | هود | صالح | إبراهيم | لوط | إسماعيل | إسحاق | يعقوب | يوسف | أيوب | ||
आदम (बाइबल) | इनोच | नोअह | एबर | शेलह | अब्राहम | लॉट | इश्माएल | आइजै़क | जैकब | जोसफ | जॉब | ||
शोएब | मूसा | हारुन | जुल-किफ्ल | दाऊद | सुलेमान | इलियास | अल-यासा | यूनुस | ज़कारिया | यहया | ईसा | मुहम्मद | |
شُعيب | موسى | هارون | ذو الكفل | داود | سليمان | إلياس | إليسع | يونس | زكريا | يحيى | عيسى | مُحمد | |
जेथ्रो | मोजे़ज़ | आरोन | एजी़कल | डैविड | सोलोमन | एलीजाह | एलीशाह | जोनाह | जे़करिया | जॉन | ईशु मसीह | पैराच्लीट |
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ ""हज़रत शुऐब"अलैहिस्सलाम क़ससुल अंबिया-पृष्ठ 132". https://archive.org/.
|website=
में बाहरी कड़ी (मदद) - ↑ हजरत शुएब अलैहिस्सलाम https://ummat-e-nabi.com/shoaib-alaihi-salam/
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- [https://www.australianislamiclibrary.org/prophets.html[मृत कड़ियाँ] किससुल अंबिया - (उर्दू / अरबी / अंग्रेजी / बंगला / पश्तो) नबियों / पैग़म्बरों से सम्बंधित पुस्तकें